डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच, यह समझना बेहद जरूरी है कि डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस किस तरह से अलग हैं और उनके काटने की आदतें क्या हैं.
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डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच, यह समझना बेहद जरूरी है कि डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस किस तरह से अलग हैं और उनके काटने की आदतें क्या हैं. इन मच्छरों के व्यवहार को समझकर और उनके काटने के समय और स्थान की पहचान कर, डेंगू बुखार से बचाव के लिए सही कदम उठाए जा सकते हैं.
डेंगू मच्छर अक्सर शरीर के खुले हिस्सों पर हमला करते हैं. खासतौर पर:
पैर और टखने: इन हिस्सों में पसीना ज्यादा निकलता है, जो मच्छरों को आकर्षित करता है. गर्म और नम जलवायु में यह समस्या और बढ़ जाती है.
हाथ और बाजू: खुले रहने पर ये हिस्से भी मच्छरों के आसान निशाने बन जाते हैं.
गर्दन और चेहरा: जब इंसान सांस छोड़ता है, तो उसमें निकलने वाला कार्बन डाईऑक्साइड मच्छरों को आकर्षित करता है.
हालांकि, डेंगू मच्छर शरीर के किसी भी खुले हिस्से पर हमला कर सकते हैं. यह उनके सामने उपलब्ध कपड़ों, एक्टिविटी और व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है.
कब करते हैं मच्छर हमला?
सुबह (8 से 10 बजे) या दोपहर (3 से 5 बजे). इन समयों में लोगों का पहनावा हल्का होता है, जिससे हाथ और पैर जैसे हिस्से खुल जाते हैं.
कैसे करें बचाव?
लंबे कपड़े पहनें: लंबी बाजू वाले शर्ट, पैंट और जूते पहनें.
मच्छर रोधी क्रीम का इस्तेमाल करें: खासतौर पर डीईईटी या पिकारिडिन युक्त उत्पादों का उपयोग करें.
पानी के जमाव से बचें: बर्तन, गमले और अन्य जगहों पर जमा पानी साफ करें.
जाली और मच्छरदानी लगाएं: दिन के समय खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें.
डेंगू मच्छरों के व्यवहार को समझकर और सही कदम उठाकर, इस बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखा जा सकता है.